रामचरित मानस

210 Part

33 times read

1 Liked

लंकाकाण्ड घोरयुद्ध, रावण की मूर्च्छा चौपाई : * हाहाकार करत सुर भागे। खलहु जाहु कहँ मोरें आगे॥ देखि बिकल सुर अंगद धायो। कूदि चरन गहि भूमि गिरायो॥4॥ भावार्थ:-देवता हाहाकार करते हुए ...

Chapter

×